स्वच्छ भारत का चश्मा

आज तड़के सुबह फरजिवाल जी ने एक प्रेस कॅान्फ्रेंस आयोजित की। जब हम प्रेस कोन्फ़्रेन्स में पहुँचे तब फ़र्ज़िवाल जी मफ्लर बान्ध पहले से ही वहाँ धरने वाली मुद्रा में बैठ ‘भगवान का शैतान से हों भाइचारा’ का लिरीक्स याद कर रहे थे! हमारे वहाँ पहुचने के बाद उन्हों ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हम यहाँ एक बड़ा खूलासा करने के लिये एकत्रित हुए हैं।
“मैं देश की जनता को बताना चाहता हूँ कि स्वच्छ भारत के पोस्टर में गाँधी जी के चश्मे के नाम पर जो गोल फ़्रेम वाला चश्मा इस्तेमाल हो रह है, वो असल में गाँधी जी का है ही नही, वो चश्मा हॅरी पॅाटर का है। मोदीजी जब 2015 में इंग्लैंड गए थे, वहीं से उन्होंने अपने काले धन से वो चश्मा खरीदा था।” जब हमारे रिपोर्टर ने इसका सबूत माँगा तब श्री फरजिवाल जी ने जवाब दिया की “मैं इमानदार आदमी हूँ, मुझे सबूत देने की आवश्यकता नहीं है।” इतना कहकर वे अपने झाड़ू पर बैठकर जंतर मंतर की ओर उड़ गए।
BJP के बड़े नेता ने इस आरोप पर सफाई देते हुए कहा कि, “हो सकता है कि हॅरी पॅाटर ने अपना चश्मा मोदीजी को गिफ्ट में दिया हो, हम इससे इनकार नहीं कर सकते, क्योंकि जनता मोदीजी को बहुत प्यार करती हैं। देखिए, कुछ लोग तो उन्हें 15 लाख का सूट दे देते हैं। लेकिन फरजिवाल का ये आरोप निराधार है, पोस्टर वाला चश्मा मेरे बापू, मेरा मतलब हमारे बापू का ही है।”
देश के प्रसिद्ध कॅामेडियन राहुल गाँधी से इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि- भूकंप जितना बड़ा हो नुकसान उतना ही ज्यादा होता है। फिर कुछ सोचकर उन्होंने कहा कि हॅरी पॅाटर का तो पता नहीं, लेकिन मोटु-पतलु वाला पतलु भी डिट्टो गोल फ्रेम वाला चश्मा पहनता है। फिर उन्होंने टीवी पर पोगो लगाकर देखा और कहा कि पतलू का चश्मा तो उसके पास ही है, पोस्टर वाला चश्मा हॅरी पॅाटर का ही है।
इतना कहकर उन्होने हमारे रिपोर्टर को जाने का इशारा किया और छत से लटके पंखे की ओर देखने लगे कि भूकंप आया या नहीं?

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