जब प्रेमचन्द का हल्कु "दी आयुष" से मिला

पूस की उस कंपकपाती रात में नीलगायों द्वारा सारा खेत चर जाने के बाद कर्ज़ चुकाने के लिए हल्कु के पास मजदूरी करने के अलावा और कोई रास्ता नही बचा था। शहर में दिहाड़ी मज़दूरों की पगार गाँव के मुकाबले थोड़ी अधिक होती है, तो हल्कु पास के शहर में मजदूरी करने चला गया जहाँ एक दिन किसी प्रकार उसकी मुलाकात 'The आयुष' से हुई।
बातों बातों में श्रीमान् The आयुष को उसकी दुःख भरी कहानी का पता चला, जिसे सुनने के बाद उन्होंने कहा -
सूनो हल्कु, ऐसे कब तक ठंडी रातों में सिहर सिहर के फ़सल की रखवाली करोगे?
खेतिहर आदमी हो तुम, सुखा पड़े या बाढ़ आए, नुकसान तुम्हारा ही होगा, ज़्यादा चूँ -चाँ करोगे, मार दिए जाओगे और मुआवजे का पइसा लेते लेते तुम्हारी मेहरारु भी अडवाणी हो जाएगी!
हम सेमी-ग्रेजुएट आदमी हैं, पढ़े लिखे हैं, ऊ भी किताबों से, whatsapp यूनिवर्सिटी से नहीं, तो ग़लत सलाह त नहीये देंगे तुमको! मेरी बात मानो, किसानी-मजुरी सब छोड़ो, समाजसेवी बन जाओ!
सूखा पड़े या बाढ़ आए, कमाई तुम्हारी ही होगी!
बहुत स्कोप है!
हल्कु ने आश्चर्यमिश्रित प्रश्नसुचक निगाहों से The आयुष जी की तरफ़ देखा। हल्कु ये समझ नही पा रहा था कि समाजसेवा से आमदनी कैसे होती है!
The आयुष जी ने फिर बोलना शुरू किय़ा।
गाँव में मारखाह गाय पोसे हो कभी? मारखाह गाय जो होती है, अपने अगल बगल 3 फीट में घुसने नही देती हैं किसी को भी, अपने मालिक के अलावा। तो अड़ोस-पड़ोस के लोगों को जब कुछ खिलाना होता है उस गाय को, तब या तो उसके अनुपस्थिति में नाद में डाल आते हैं, या फिर उसके मालिक को दे आते हैं, मालिक ही उसे खिलाता है, और चूँकि मालिक उसे खाना देता है, इसीलिए गाय कभी मालिक पर सींघ नही चलाती!
समाजसेवा भी बिलकुल ऐसा ही है, मारखाह गाय को किसी और से लेकर खाना खिलाने जैसा।
इतना सुनकर हल्कु ने The आयुष जी को प्रणाम किय़ा और अपना गमछा उठाकर चलता बना!
शायद हल्कु को ज्ञान प्राप्त हो गया था, हल्कु बुद्धु से बुद्ध हो गया था!
आज हल्कु की बात इसलिए कर रहा हूँ क्यूँकि कुछ दिनों पहले हमनें हल्कु को आवेदन लिखा था एक, मेरे मुहल्ले में डस्टबिन नही हैं, नगर परिषद के बाबुओं से पैरवी कर दो थोड़ी!
और आज सुबह सुबह नगर परिषद वाले हमें स्वच्छ भारत वाला दो डस्टबिन दे गए!
हल्कु बहुत पहुँच वाला आदमी हो गया हैं अब, प्रेमचन्द जी ज़िंदा होते तो उसकी तरक्की देख बड़ा हर्षित होते!

Comments

Popular posts from this blog

यायावर

जिहाद और हिन्दू राष्ट्रवाद

Handful डॉक्टर-इंजीनियर-IAS